भारत में मोबाइल के नंबर 10 अंकों के ही क्यों होते हैं? इंटरेस्टिंग है वजह आइए जानते हैं.
इंडिया में आपने देखा होगा की इंडिया का कोई भी मोबाइल नंबर 10 अंको का ही होता हे। 10 अंक ही रखने के इसके पीछे का कारण क्या है? आइए बताते हैं.
👉भारत देश की 130 करोड़ जनसंख्या अभी की है
भारत देश की 130 करोड़ जनसंख्या अभी की है अगर 10 अंको से कम अंक रखते तो फ्यूचर में सभी को अलग अलग नंबर नहीं दे पाते। अगर 9 डिजिट का भी मोबाइल नंबर रखा जाए तो उसमे से 100 करोड़ अलग अलग नंबर बनते हे। बता दें कि यदि मोबाइल नंबर एक डिजिट का होगा तो 0 से 9 तक केवल 10 अलग-अलग नंबर ही बन सकेंगे. जिसके बाद केवल कुल 10 नंबर बनेंगे और कुल 10 लोग ही इनका उपयोग कर सकेंगे. वहीं 2 अंकों का मोबाइल नंबर होने पर भी केवल 0 से 99 तक 100 नंबर ही बन सकेंगे और केवल 100 लोग ही इनका इस्तेमाल कर पाएंगे.
👉बतां दे कि हमेशा से ही भारत में 10 डिजिट के मोबाइल नंबरों का चलन नहीं था। काफी समय पहले 9 डिजिट के नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था। पर कई सालों में भारत की बढ़ती आबादी के चलते नंबरों की संख्या 9 डिजिट से हटाकर 10 डिजिट की कर दी गई।
👉अब लैंडलाइन से 11 नंबर डायल करने होते हैं
आपको बता दें कि, साल 2003 तक देश में नौ नंबर के ही मोबाइल नंबर होते थे लेकिन बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए ट्राई ने इसे बढ़ा कर 10 अंकों का कर दिया। वहीं 15 जनवरी 2021 से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने लैंडलाइन से फोन लगाने पर नंबर के आगे शून्य लगाने का निर्देश दिया है। डायल करने के तरीके में इस बदलाव से दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल सेवाओं के लिए 254.4 करोड़ अतिरिक्त नंबर तैयार करने की सुविधा मिलेगी।

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