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फोर व्हीलर गाड़ियों में एयर बैग कैसे काम करता है जिससे दुर्घटना नहीं होती है?

                                
फोर व्हीलर गाड़ियों में एयर बैग कैसे काम करता है जिससे दुर्घटना नहीं होती है?
फोर व्हीलर गाड़ी यथा कार एसयूवी इत्यादि में एयर बैग का काम होता है कि, दुर्घटना की स्थिति में कार यात्रियों को कम से कम चोट पहुंचे।अर्थात दुर्घटना के समय जनित भयंकर फोर्स को यह यात्री तक पहुँचने में अवरोधक का काम करता है।एयर बैक के होने से दुर्घटना नहीं होती है यह समझना सही नहीं है। यह केवल दुर्घटना के दुष्प्रभावों को कम करने का कार्य करता है दुर्घटना रोकने इसका काम नहीं है।
एयर बैग न होने से , दुर्घटना के समय
एक तो यात्री , कार के अंदर के कड़े पार्ट जैसे, स्टीयरिंग व्हील, डैश बोर्ड , सामने की सीट या साइड के दरवाजे से टकरा सकते हैं, लेकिन एयर बैग होने से व्यक्ति नरम बैग से टकराएगा तो चोट कम लगेगी।
दूसरा, एयर बैग से जब यात्री के शरीर का नाजुक भाग यथा - सिर, चेहरा, कंधा, सीना और हाथ आदि टकराते हैं तो एयर बैग धीरे धीरे पिचकता है , जिससे दुर्घटना जनित अपार बल को सोखने का समय मिल जाता है और चोट कम से कम लगती है।
एयर बैग काम कैसे करता है ?
एयर बैग एक यात्री सुरक्षा फीचर (वैशिष्टय) है, जो दुर्घटना की स्थिति में सामने और बगल से तुरंत निकल कर यात्रियों को सामने और बगल की टक्कर से घातक चोट से बचाता है।फोर व्हीलर गाड़ी यथा कार एसयूवी इत्यादि में एयर बैग का काम होता है कि, दुर्घटना की स्थिति में कार यात्रियों को कम से कम चोट पहुंचे।अर्थात दुर्घटना के समय जनित भयंकर फोर्स को यह यात्री तक पहुँचने में अवरोधक का काम करता है।एयर बैक के होने से दुर्घटना नहीं होती है यह समझना सही नहीं है। यह केवल दुर्घटना के दुष्प्रभावों को कम करने का कार्य करता है दुर्घटना रोकने इसका काम नहीं है।
एयर बैग न होने से , दुर्घटना के समय
एक तो यात्री , कार के अंदर के कड़े पार्ट जैसे, स्टीयरिंग व्हील, डैश बोर्ड , सामने की सीट या साइड के दरवाजे से टकरा सकते हैं, लेकिन एयर बैग होने से व्यक्ति नरम बैग से टकराएगा तो चोट कम लगेगी।दूसरा, एयर बैग से जब यात्री के शरीर का नाजुक भाग यथा - सिर, चेहरा, कंधा, सीना और हाथ आदि टकराते हैं तो एयर बैग धीरे धीरे पिचकता है , जिससे दुर्घटना जनित अपार बल को सोखने का समय मिल जाता है और चोट कम से कम लगती है।
एयर बैग काम कैसे करता है ?एयर बैग एक यात्री सुरक्षा फीचर (वैशिष्टय) है, जो दुर्घटना की स्थिति में सामने और बगल से तुरंत निकल कर यात्रियों को सामने और बगल की टक्कर से घातक चोट से बचाता है।

चित्र देखें
एयर बैग नायलॉन का एक बड़ा बैग होता है जोकि बहुत तेजी से फूलता है और यह कार सवारों से स्पर्श के बाद पिचक भी जाता है।
एयर बैग की कार्य पद्धति
इसमें एक सेंसर(Sensor) होता है जो कि 25 किलोमीटर से ज्यादा की गति में कार के टकराने को भाँप लेता है । गलती नहीं हो, इसलिए ऐसे दो सेंसर होते हैं। टक्कर या दुर्घटना के कारण उत्पन्न हुए उच्च बल को कंट्रोल यूनिट मापता है और निर्धारित सीमा से ज्यादा बल होने पर एयर बैग को खोलने का निर्देश देता है। एयर बैग के अंदर गैस उत्पन्न करने वाले केमिकल होते हैं और उन्हें प्रज्वलित करने के लिए बिजली के तार से स्पार्क की व्यवस्था रहती है इसी कारण धुआँ , गर्द और तेज़ आवाज़ निकलना आम बात है। आमतौर पर न नाइट्रोजन/आर्गन/हीलियम गैस केमिकल से निकलता है, जो फ़िल्टर से छन के एयर बैग में जाता है। झटके के कारण कार में आगे बैठे हुए यात्रियों का सिर और कंधा जब खुले हुए एयर बैग से टकराता है तो वह छिद्रों के माध्यम से पिचकना शुरू हो जाता है - और यात्री तक न्यूनतम बल पहुँचता है और आमतौर पर वह सुरक्षित रहता है ।यह पूरी प्रक्रिया सेकंड के दसवें हिस्से से भी कम में सम्पन्न हो जाती है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें
एयर बैग का डिजाइन एक वयस्क के लिए किया जाता है अतः आगे की सीटों पर बच्चों को ना बिठाएं, उनके नाजुक अंगों में चोट लग सकती है। कार स्टार्ट के समय एयर बैग का ग्रीन इंडिकेशन मिलना चाहिए
आगे डैशबोर्ड पर कोई भी लूज सामग्री ना रखें जो कि टक्कर या दुर्घटना के समय तेज गति से उड़कर मिसाइल जैसी आप को चोट पहुंचा सकते हैं। आगे डैशबोर्ड या दरवाजे में कोई भी मरम्मत कराते हैं तो उससे एयर बेड डैमेज ना हो इसका ध्यान रखें और मरम्मत के उपरांत गाड़ी स्टार्ट करके एयर बैग सही होने का इंडिकेशन जरूर प्राप्त करें। एयर बैग द्वारा सुरक्षा प्रदान करने की भी एक सीमा होती है और बहुत ज्यादा स्पीड या आमने सामने भारी वाहन से टक्कर या कार पलट जाने पर यह उतना कारगर नहीं होता है।







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